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भौतिक जगत | What is physical world in hindi full chapter 01

 भौतिक जगत (PHYSICAL WORLD)

    विज्ञान (Science)

    विज्ञान' शब्द का अभिप्राय है विशेष ज्ञान अर्थात् व्यापक रूप में प्रकृति का व्यवस्थित अध्ययन । विज्ञान शब्द का अंग्रेजी में वर्णन 'Science' द्वारा करते हैं। शब्द 'Science' लैटिन क्रियात्मक शब्द 'Scientia' (सिंटिया) से बना है जिससे तात्पर्य जानने (To know) से हैं। मनुष्य की जानने की संगठित कोशिश तथा उसके द्वारा अर्जित ज्ञान विज्ञान बन जाता है।
     भौतिक जगत में जो भी घटित होता है उसका क्रमबद्ध अध्ययन विज्ञान कहलाता है।

    भौतिकी (Physics)

    प्राचीन काल से "भौतिक" शब्द का प्रयोग संस्कृत वेदों में किया जाता है। जिसका अभिप्राय है प्राकृतिक।
    इसी से भौतिकी शब्द की उत्पत्ति हुई है।

    शब्द 'Physics' ग्रीक शब्द 'fusis' से बना है जिसका अभिप्राय है प्रकृति ( nature)। भौतिक विज्ञान को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है

    ''भौतिक विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जो प्रकृति तथा प्राकृतिक घटनाओं की व्याख्या करती है।"
    (The branch of science which is devoted to the study ofnature and natural phenomena is called 'physics')

    "भौतिक विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसमें द्रव्य, ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों तथा द्रव्य से उनकी अन्योन्य क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।"
    (Physics is that branch of Science in which we study matter, all forms of energy and their interaction with matter.)

    भौतिकी का कार्यक्षेत्र एवं विस्तार
    (Scope and Expansion of Physics)

    भौतिकी की विभिन्न शाखाओं को मुख्यतः दो भागों में विभाजित
    किया गया है-
    (a) चिरसम्मत भौतिकी (Classical physics) तथा 
    (b) आधुनिक भौतिकी (Modern physics)

    (a) चिरसम्मत भौतिकी (Classical physics)

    (i) यांत्रिकी (Mechanics) 

    इस विषय के अन्तर्गत वस्तुओं की (निम्न वेगों पर) व्यवस्थित गति का अध्ययन किया जाता है।

    (ii) ऊष्मागतिकी ( Thermodynamics) 

    इस विषय के अन्तर्गत ऊष्मा, ताप तथा सूक्ष्म कणों से बने निकाय में गति का अध्ययन किया जाता  ।

    (iii) विद्युत-चुम्बकत्व (Electromagnetism) 

    इस विषय के अन्तर्गत विद्युत चुम्बकत्व तथा विद्युत चुम्बकीय तरंगों के सिद्धान्तों का अध्ययन किया
    जाता है।

    (iv) चिरसम्मत तरंग यांत्रिकी तथा ध्वनि (Classical wave mechanics and sound)

     इस विषय के अन्तर्गत कम्पनों व प्रगामी व अप्रगामी तरंगों का अध्ययन किया जाता है।

    (v) प्रकाशिकी (Optics) 

    इस विषय के अन्तर्गत प्रकाश की प्रकृति तथा संचरण का अध्ययन किया जाता है। लैंस तथा दर्पणों के माध्यमों से
    बनने वाले प्रतिबिम्बों, अपवर्तन (refraction), परावर्तन (reflection) व्यतिकरण (interference), विवर्तन ( diffraction) तथा ध्रुवण (polarization) को समझने के लिए इस विषय का ज्ञान होना आवश्यक है।


    (b) आधुनिक भौतिकी (Modern physics)

    (i) आपेक्षिकता (Relativity)

    इस विषय के अन्तर्गत उन पिण्डों की गति का अध्ययन किया जाता है जो प्रकाश के वेग के तुल्य वेग से गति
    करते हैं। वास्तव में यह प्रकृति में सापेक्षवाद का सिद्धान्त है।

    (ii) क्वाण्टम यांत्रिकी (Quantum mechanics) 

     इस विषय के अन्तर्गत आधुनिक भौतिकी के सिद्धान्तों, प्रकाश तथा द्रव्य की द्वैत (dual) प्रकृति का अध्ययन किया जाता है। यह चिरसम्मत भौतिकी व आधुनिक भौतिक के मध्य एक सेतू का कार्य करती है।

    (iii) परमाणु भौतिकी (Atomic physics)

    इस विषय के अन्तर्गत परमाणु संरचना तथा परमाणु के गुणों के बारे में अध्ययन किया जाता है।

    (iv) नाभिकीय भौतिकी (Nuclear physics)

    इस विषय के अन्तर्गतपरमाणु के नाभिक तथा उसके गुणों का अध्ययन किया जाता है। 

    इसके अतिरिक्त कुछ अन्य विषय निम्न प्रकार है
    (i) ठोस अवस्था भौतिकी (solid state physics)
    (ii) प्लाज्मा भौतिकी (Plasma physics)
    (iii) उच्च ऊर्जा भौतिकी (High energy physics)
    (iv) इलेक्ट्रोनिक्स (Electronics)
    (v) अभियांत्रिकी भौतिकी (Engineering physics)
    (vi) चिकित्सीय भौतिकी (Medical physics)
    (vii) ब्रह्मांडिकी (Cosmology)
    (viii) जीव भौतिकी (Bio physics)
    (ix) रासायनिक भौतिकी (Chemical physics)
    (x) भू-भौतिकी (Geo-physics)

    प्रौद्योगिकी एवं समाज में भौतिकी का योगदान (Contribution of physics in Technology and Society)

         भौतिक विज्ञान, विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है जिसके ज्ञान के बिना विज्ञान का अन्य शाखाओं का विकास संभव नहीं है। भौतिक विज्ञान का विज्ञान की सभी शाखाओं के विकास तथा समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण
    योगदान है।

    (i) रसायन विज्ञान में भौतिकी का महत्व (Physics in relation to chemistry) 


    अणुओं के मध्य लगने वाले आन्तराण्विक बलों के आधार पर पदार्थ की रासायनिक संरचना, बंधों के प्रकार आदि का अध्ययन संभव हुआ है| X-किरणों के विवर्तन, परमाणु की संरचना, रेडियो एक्टिवता के आधार
    पर अनेक ठोसों की संरचनाओं का विस्तृत अध्ययन संभव हुआ है।

    (ii) जीव विज्ञान में भौतिकी का महत्व (Physics in relation to biological sciences) 

     प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी की सहायता से अनेक जैविक प्रतिदर्शी का अध्ययन किया जाता है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के निर्माण से अनेक शारीरिक संरचनाओं का अध्ययन संभव हो सका।

    (iii) खगोल विज्ञान में भौतिकी का महत्व (Physics in relation to Astronomy)


    प्रकाशीय दूरदर्शी की सहायता से विभिन्न ग्रहों की गति तथा आकाशीय पिण्डों का अध्ययन संभव हुआ है।

    (iv) गणित में भौतिकी का महत्व (Physics related to Mathematics)


     भौतिकी के सिद्धान्तों द्वारा अनेक गणितीय विधियों का विकास संभव हुआ है। तकनीकी विकास विशेष रूप से भौतिकी के अनुप्रयोग (application) से सम्बन्धित है। 

    भौतिकी के अनुप्रयोग पर आधारित कुछ नयी तकनीकों के उदाहरण निम्न प्रकार है

    (1) विद्युत उत्पादन विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर आधारित है।
    (2) डीजल इंजन, पेट्रोल इंजन, भाप इंजन आदि ऊष्मागतिकी के नियमों पर आधारित है।
    (3) रेडियो, टेलीविजन, S.T.D.. I.S.D., फैक्स, वायरलैस आदि विद्युत चुम्बकीय तरंगों के संचरण पर आधारित है।
    (4) परमाणु भट्टी तथा परमाणु बम का विकास नाभिकीय विखण्डन पर आधारित है।
    (5) रॉकेट नोदन न्यूटन के गति के द्वितीय तथा तृतीय नियम पर आधारित है।
    (6) वायुयानों का उड़ना बरनौली सिद्धान्त पर आधारित है।

    भौतिक विज्ञान तथा समाज का सम्बन्ध

       भौतिक विज्ञान पर आधारित खोजों का समाज पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। आवागमन के साधनों तथा दूरसंचार के कारण सम्पूर्ण विश्व निकट आ गया है। आज हम विश्व के किसी भी कोने में तथा चन्द्रमा पर भी कम समय में जा सकते हैं। आवागमन के साधनों के कारण विभिन्न देशों तथा प्रदेशों के लोगों के बीच अन्तर समाप्त हो गया है। टेलीफोन, मोबाइल, टेलीप्रिंटर की सहायता से विश्व के दूरस्थ भागों में भी संदेशों का आदान-प्रदान तुरन्त हो जाता है। रेडियो तथा टेलीविजन की सहायता से हम सभी घटनाओं की जानकारी प्राप्त करते हैं। कम्प्यूटर हमारे लिए बहुत अधिक उपयोगी है इसकी सहायता से जटिल गणनाओं को आसानी से हल किया जा सकता है। भौतिक विज्ञान के विकास के कारण ही आज जीवन आसान व सुविधाजनक हो गया है।

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